Tuesday, June 21

' ये चार कदम ! '


ठिकाना ?
न तुझे , न मुझे खबर ....
तू संग मेरे
चल सके अगर ,
फिर
चाहे कहीं
ले जाए डगर ______

" डगर , तो डगर है ....बस एक बार चल पड़ो ..फिर तो डगर खुद ही अपने साथ लेके हमें चल पड़ेगी "

फिर न मालूम मुझे
किस घड़ी ?
ख़त्म ये
ज़िन्दगी का सफ़र होगा .....

फिर जहाँ भी ______
जाए ठहर
'ये चार कदम '
वहीँ अपना ..' ठिकाना '
वहीँ अपने ...' ख़्वाबों का शहर ' होगा _____

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